उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की स्थापना जनवरी 2004 में करके सर्व प्रथम संघ ने बोर्ड परीक्षा 2004 में वित्तविहीन विद्यालय के प्रधानाचार्यों को
परिषदीय परीक्षा में केन्द्र व्यवस्थापक बनने हेतु 22 दिसम्बर 2003 के शासनादेश के खिलाफ मा0 उच्च न्यायालय इलाहाबाद में रिट
दाखिल किया तथा 2004 से न्यायालय तथा सरकार से संघर्ष करते हए 22 फरवरी 2006 को रिट सं0 2239 लाल बिहारी यादव बनाम
य०पी० व अन्य में न्यायालय द्वारा आदेश पारित कराया कि वित्तविहीन विद्यालय के प्रधानाचार्यों को बोर्ड परीक्षा में केन्द्र व्यवस्थापक बनाया जाय लेकिन उसका अनुपालन इसलिये नहीं हो पाया कि तत्कालीन सरकार ने स्पेशल अपील सं0 211/2006 दाखिल कर स्थगन
आदेश प्राप्त कर लिया। जिसका निस्तारण वर्ष 2011 में माननीय माध्यमिक शिक्षा मंत्री रंगनाथ मिश्र के कार्यकाल में हुआ और वर्ष 2011 में बोर्ड परीक्षा में पुनः वित्तविहीन विद्यालयों के प्रधानाचार्यो को केन्द्र व्यवस्थापक बनाने का अधिकार प्राप्त हुआ।
2 जून 2008 को शिक्षा निदेशक माध्यमिक के कार्यालय पर शिक्षको का बायोडाटा जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय तथा शिक्षा निदेशक
(मा०) कार्यालय में रखने हेतु धरना।
7- 5 सितम्बर 2008 को शिक्षा निदेशक (माल) के कार्यालय पर धरना।
12 फरवरी 2009 को विधान सभा के घेराव में लाठी चार्ज में प्रदेश अध्यक्ष लाल बिहारी यादव सहित पांच पदाधिकारियों सीताराम यादव, बालेश्वर यादव, ओमप्रकाश यादव, राजबहादर सिंह पटेल (राजा साहब) को गिरफ्तार कर 12 धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा।
गया महीनों जेल की यात्रा के बाद जमानत हुई।
23 फरवरी 2010 को दिल्ली में जन्तर मन्तर पर लोक सभा का घेराव कर माध्यमिक शिक्षा अभियान के पैसे को वित्तविहीन माध्यमिक
विद्यालयों पर खर्च किये जाने के लिए धरना प्रदर्शन।
14 अक्टूबर 2011 से 19 अक्टूबर 2017 तक झले लाल पार्क में आमरण अनशन किया जिस पर समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मा० मुलायम सिंह यादव जी ने झुले लाल पार्क में अपने प्रतिनिधि मा० बलराम यादव व मा0 अहमद हसन को भेजकर यह घोषणा किया कि वर्ष 2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर वित्तविहीन विद्यालय के शिक्षकों को जीविकोपार्जन हेतु मासिक मानदेय दिया
जिस समाजवादी पार्टी अपने चुनाव घोषणा पत्र में सम्मलित करने की घोषणा की और उक्त आश्वासन पर आमरण अनशन समाप्त कराया।