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प्रबन्धकों के हित में:

बोर्ड परीक्षा नीति 09 अक्टूबर 2013 को जारी कराते समय पूर्व में वित्तविहीन विद्यालय में बच्चों का एलाटमेन्ट 500 एवं राजकीय तथा
| एडेड में 1200 सौ की विषमता समाप्त कराते हुए धारक क्षमता के आधार पर बच्चों का एलाटमेन्ट की नीति बनवायी गयी।

हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की मान्यता में ग्रामीण क्षेत्र में एक एकड़ क्षेत्रफल भूमि के स्थान पर 1/2 एकड़ भूमि तथा शहरी क्षेत्र में 1/2
एकड़ के स्थान पर 6 बिस्वा भूमि का निर्णय इण्टरमीडिएट स्तर की मान्यता हेतु कराया गया जिससे जमीन कम वाले विद्यालयों की
मान्यता प्रत्याहरण की कार्यवाही से बचाया गया यह निर्णय 1986 के बाद से अब तक के विद्यालयों पर लागू कराया गया।

जूनियर हाई स्कूल की अलग भूमि तथा अलग बिल्डिंग की प्रतिबद्धता को समाप्त कराते हुए मात्र एक प्रयोगशाला पर
हाईस्कूल/इण्टरमीडिएट के विद्यालयों में मात्र एक प्रार्थना पत्र पर जूनियर हाईस्कूल की मान्यता सम्बद्ध कराने का आदेश कराया गया।

कक्षा 9 व 17 के बच्चों का रजिस्ट्रेशन आन लाइन करवाकर जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से प्रबन्धकों का शोषण समाप्त कराया गया।
कक्षा 10 व 12 के छात्रों का बोर्ड परीक्षा फार्म भी आनलाइन कराकर जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के शोषण से मुक्ति दिलायी गयी।।

संगठन ने बोर्ड परिक्षा केन्द्र तथा बच्चों का एलाटमेंट मे मा0 उच्च न्यायालय व सरकार से संघर्ष कर आनलाईन बोर्ड परिक्षा केंद्र व ऑनलाइन बच्चो का अलॉटमेंट कराकर प्रदेश में करोड़ो नही अरबों रु0 की लूट से प्रबन्धको को बचाया।